बुझ नहीं सकता कभी जो वह ज्वलित अंगार हूँ मैं
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युगऋषि संस्मरण आलेख - १
पृष्ठ - ३ से ५ , स्मृति विशेषांक (अगस्त सितम्बर 1990)
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